जीवन का हर निर्णय खुद लेना चाहिए - सचिन तेंदुलकर


पेशेवर जिंदगी हो या दोस्ती जीवन के हर क्षेत्र में साझेदारी बहुत मायने रखती है। पहचाने कि ऐसा क्या है जो दूसरों से आपको जोड़े रखे हुए हैं। क्रिकेट की ही बात करूं तो बहुत सारे लोग बल्लेबाजी में साझेदारी को ही महत्वपूर्ण मानते हैं, जबकि विरोधी गेंदबाज के साथ एक अलग किस्म की साझेदारी भी उतनी ही मायने रखती है। गेंदबाज बॉलिंग कर रहा है क्योंकि उसे सामने वाले को आउट करना है, बल्लेबाज बैटिंग कर रहा है कि उसे रन बनाने है एक साझा संघर्ष है। जिंदगी ऐसी साझेदारियों का ही खेल है।

जीवन का हर निर्णय खुद लेना चाहिए - सचिन तेंदुलकर 

ईगो हटाकर खेलें


बेशक मेरा काम वाकई खेलने का रहा आपका कुछ और हो सकता है। काम कोई भी हो आप उसे खेल की तरह ले सकते हैं। प्रतिस्पर्धा किसी भी क्षेत्र की हो वहां उत्तेजना के क्षण होते ही हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि आप केवल अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने पर ध्यान दें और बाकी सब छोड़ दें। जैसा कि कोई भी  एथलीट करता है। साथ ही अपने अहंकार को अपने काम के मैदान से बाहर ही छोड़कर आइए इसमें ऐसा कुछ है जो आपको सही चीजें करने से रोकता है और आप ईगो से जुड़ी कई तरह की समस्याओं में फस कर रह जाते हैं।

बीत गई सो बात गई


कोई दिन आपके साथ बहुत बुरा गुजर सकता है। यह सामान्य है और हर किसी के साथ होता है हताश शब्द सब होते हैं। यह उन्हें भी घेरती है जो सर्वश्रेष्ठ है। लगातार इसके बारे में सोचते रहना भयानक है। बीते कई वर्षों से मैंने आदत डाल ली थी कि अगर कुछ बुरा घटित हो गया है तो मैं उसे अपने ऊपर हावी नहीं होने दूंगा और उस तरफ ध्यान रखूंगा जो मेरे आगे हैं।

खुद को भी सुनिए


हर तरफ से सलाह तो बहुत मिलती है। लोग आपके काम के बारे में जानते हो या नहीं लेकिन सलाह जरूर देते हैं कि क्या करना चाहिए और कैसे आप अपने काम को बेहतर बना सकते हैं। बेशक सलाह लेने में कोई बुराई नहीं है लेकिन करें वही जिसकी गवाही आपका दिल भी देता हो आखिरकार निर्णय जो भी हो वह आपका अपना होना चाहिए।

मदद मांगने में कैसा डर


मैं छोटी से छोटी उपलब्धि पर करीबी दोस्तों और परिवार के साथ जश्न मनाता हूं। यकीन रखिए यही वह लोग हैं जो किसी भी शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक आधार से आपको ऐसे उबार लेंगे कि जैसे कुछ हुआ ही नहीं था।

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