मोबाइल से हो सकता है ब्रेन ट्यूमर का खतरा

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हमारी वेबसाइट गाय भैंस डॉट कॉम पर आपका स्वागत है। आज मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मोबाइल फोन के उपयोग से ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ता जा रहा है।
रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका मोबाइल का बेतहाशा इस्तेमाल हमारी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। एक नए शोध में दावा किया गया है कि मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से ब्रेन कैंसर का खतरा बढ़ रहा है। इसके चलते बीते दो दशक में घातक ब्रेन ट्यूमर होने की दर दोगुनी हो गई है  वैज्ञानिकों ने सरकारों से अपील की है कि अगर वह वक्त रहते नहीं चेते तो यह समस्या भयावह हो सकती है। यह शोध जनरल ऑफ पब्लिक हेल्थ एंड एनवायरनमेंट में छपा है। हालांकि इस अध्ययन के साथ ही दुनिया भर में एक नई बहस छिड़ गई है। कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि कैंसर या ट्यूमर के पीछे कई और भी कारक होते हैं।

मोबाइल से हो सकता है ब्रेन ट्यूमर का खतरा



इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी माना था कि मोबाइल फोन की रेडियो फ्रीक्वेंसी एक बस स्टैंड से निकलने से निकलने वाले रेडिएशन से भी ज्यादा होती है। इसका असर आम लोगों की सेहत पर भी पड़ता है।  अध्ययन ह हैल्थ इनिशिएटिव फॉर रेडिएशन एंड एनवायरमेंट के वैज्ञानिकों ने किया।

कैसे किया अध्ययन
वैज्ञानिकों ने बीते 21 साल में हुए 79,241 घातक ब्रेन ट्यूमर ग्लियोब्लास्टोमा मल्टीफर्मी का अध्ययन किया। ब्रिटेन में 1995 में जहां 1250 ट्यूमर के मरीज थे। अब वह संख्या बढ़कर 3000 हो गई।

DNA पर भी डालती है असर
हवा में डाटा इधर से उधर भेजने के लिए विद्युत चुंबकीय विकिरण यानी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगे काम आती है। यह तरंगे हमारी सेहत पर नकारात्मक असर डालती है। यहां तक की कोशिकाओं की संरचना और DNA को भी प्रभावित करती है।

इन बीमारियों का भी खतरा ज़्यादा

कैंसर के अलावा नींद ना आना, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, इनफर्टिलिटी, कमजोर नजर, हार्टअटैक, सुनने की क्षमता पर असर और स्किन एलर्जी जैसी बीमारियां भी हो सकती है। यूरोपीय जर्नल ऑफ ऑंकोलॉजी में प्रकाशित एक शोध के अनुसार मोबाइल फोन से होने वाले विकिरण हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। मोबाइल देखते हुए सड़क पार करने के दौरान भी लोग अक्सर हादसे का शिकार हो जाते हैं।

इस प्रकार जहां मोबाइल के उपयोग से अनेक फायदे होते हैं वहां हमें नुकसान भी हो रहे हैं। अतः हमें मोबाइल का उपयोग सोच समझ कर करना चाहिए। मुझे आशा है कि आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी। इसी प्रकार की अन्य उपयोगी जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट गाय भैंस डॉट कॉम पर निरंतर विजिट करते रहें।

पीलिया होने पर लें ये खास आहार

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विशेषज्ञ कहते हैं कि रोगी को जब यह एहसास होने लगे कि उसका शरीर पीला हो रहा है या उसे पीलिया हो सकता है तो उसे पानी की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए। जितना ज्यादा लिक्विड डाइट लेंगे उतनी ही जल्दी बीमारी से उभरेंगे। चिकित्सकों के अनुसार यदि ऐसे में कच्चा पपीता सलाद के रूप में लिया जाए तो भी पीलिया का असर जल्दी कम होता है।
बदलते मौसम के साथ पीलिया भी काफी लोगों में देखा जा रहा है। एलोपैथी के साथ आयुर्वेद में इसका असर दूर करने के लिए घरेलू उपाय बताए गए हैं। इनका सेवन किसी भी रुप में किया जाए तो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।
पीलिया के दौरान इन आहारों के सेवन  करने से आप जल्द ही इस रोग से निजात पाने में सफल होंगे -

पीलिया होने पर लें ये खास आहार



मूली का रस
आयुर्वेद चिकित्सकों के अनुसार पीलिया के रोगी को गाय के दूध से बना पनीर व छेने का रसगुल्ला खाना चाहिए। इसके अलावा मीठे का कम सेवन ठीक रहता है। ऐसे में मूली का रस भी लाभदायक साबित होता है। मूली के रस में इतनी ताकत होती है कि वह खून और लीवर से अत्यधिक बिलीरुबिन को निकाल सके। रोगी को दिन में दो से तीन गिलास मूली का रस जरूर पीना चाहिए।

साबुत धनिया का पानी
पीलिया के असर को कम करने के लिए साबुत धनिया को रात भर पानी में भिगो दीजिए और उसे सुबह उठकर उसका पानी पीजिए। इससे लीवर से गंदगी साफ होगी और एनर्जी भी मिलेगी।


टमाटर का रस
टमाटर का रस टमाटर में विटामिन सी पाया जाता है। इसलिए यह लाइकोपीन में रिच होता है जो कि एक प्रभावशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है। इसलिए टमाटर का रस लीवर स्वस्थ बनाने में लाभदायक साबित होता है। यही नहीं इस दौरान आंवले को कच्चा या फिर सुखाकर खाना भी लाभ देता है। आंवले में विटामिन सी पाया जाता है जो लीवर साफ करने में मददगार होता है।

नींबू पानी और तुलसी
आयुर्वेद में तुलसी की पत्ती को पीलिया में प्रभावी माना गया है। पीलिया के मरीज को सुबह खाली पेट 4-5 तुलसी की पत्तियां खानी चाहिए। यह एक प्राकृतिक उपाय है जिससे लीवर साफ होता है। पीलिया होने पर नींबू का रस पीना फायदेमंद होता है। कोशिश करें कि प्रतिदिन खाली पेट एक गिलास नींबू पानी जरूर लें। इसके अलावा पाइनएप्पल का सेवन भी लाभदायक माना जाता है।

पीलिया होने पर ऐसे खाने से बचें



  • पीलिया में तला-भुना मिर्च मसाले वाला भोजन बहुत हानिकारक है, इसलिए ऐसी चीजों को कम से कम 20-25 दिन तक तो बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए।
  • वसायुक्त भोजन से बीमारी ठीक होने के बाद भी दूर रहना चाहिए।
  • पीलिया में मिठाइयां, बेसन की चीजें, मैदे के व्यंजन, मांस, मीट,अंडे और मछली आदि नहीं खाने चाहिए।


इस प्रकार इस पोस्ट में मैंने आपको बताया के पीलिया होने पर लें ये खास आहार और कैसा आहार से हमें लेने से बचना चाहिए।