दुधारू पशुओं को ऐसे खिलाएं चारा तो होगा लाभ

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दुधारू पशुओं की उत्पादन क्षमता उन्हें दिए जाने वाले पशु आहार पर निर्भर करती है। पशु आहार का मुख्य भाग फसल अवशेषों जैसे गेहूं, दलहनी फसलों के अवशेष और घास से प्राप्त होता है। अगर पशुपालक इस हरे चारे को पशुओं को सीधा नहीं खिलाकर कुट्टी के रूप में खिलाता है तो इसके कई तरह के फायदे होते हैं। कुट्टी बनाने से ही वह चारा न केवल अधिक सुपाच्य बन जाता है, बल्कि उसकी गुणवत्ता भी बढ़ जाती है। 

  • चारे को पुली के रूप में डालने पर पशु केवल पतियों और पौधे के नरम मुलायम भाग को ही खा पाता है। कुट्टी बनाने से पूरा चारा इस्तेमाल हो जाता है। 
  • साबुत जारी को चबाने में पशु का अधिक समय और ऊर्जा खर्च होती है। कुट्टी खिलाने से इससे बचा जा सकता है।
  • चारे को छोटे टुकड़ों में काटने से सतह का क्षेत्रफल बढ़ जाता है, जिससे पशुओं के पेट में उपस्थित सूक्ष्म जीव चारे को आसानी से बचा सकते हैं। 
  • सूखे चारे की कुट्टी हरे चारे के साथ मिलाकर खिलाने से आफरा से बचाव होता है। 
  • गुणवत्ता बढ़ाने के लिए चारे को यूरिया से उपचारित किया जाता है, जिसके लिए कुट्टी बनाना जरूरी है। 

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