कोई अचानक सीने में दर्द की शिकायत बताकर तड़प उठे और बेसुध या असहाय होकर गिर पड़े तो हम बुरी तरह घबरा जाते हैं। ऐसे में पहले से हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट के बीच अंतर की जानकारी हो तो आप यह त्वरित निर्णय लेने में सक्षम होंगे कि आपको कितनी तेजी से और तुरंत मरीज की क्या मदद करनी होगी। जहां हार्टअटैक की स्थिति में आपके पास करीब एक घंटा होता है वही कार्डियक अरेस्ट में मात्र कुछ पल ही होते हैं। जब आप वास्तव में उसके लिए कुछ कर सकें -
कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर | Differences between Cardiac Arrest and Heart Attack
कार्डिएक अरेस्ट
आमतौर पर इसके कोई पूर्व संकेत नजर नहीं आते। यह अक्सर बिना किसी चेतावनी के अचानक होता है। मरीज का हार्ट अचानक काम करना बंद कर देता है। ऐसा हार्ट क्लेके क्ट्रिकल सिस्टम में समस्या की वजह से होता है। इससे हार्ट अचानक रक्त की पंपिंग बंद कर देता है। इस स्थिति में मरीज अचानक बेहोश हो सकता है, उसकी नब्ज बंद हो जाती है और वह कुछ ही मिनटों में मर भी सकता है।
गोल्डन सेकेंड्स
हार्ट अटैक के मामले में तो परिजनों या मित्रों को फिर भी मरीज को अच्छे अस्पताल तक पहुंचाने का वक्त मिल जाता है। मगर कार्डिएक अरेस्ट में तो पूरा मामला मात्र कुछ पलों का ही होता है। ऐसे में जहां एक व्यक्ति को एंबुलेंस आदि की व्यवस्था में जुट जाना चाहिए वहीं दूसरे व्यक्ति को मरीज पर सीपीआर यानी कार्डियोप्ल्मोंरी रिससाईटेशन परफॉर्म करना चाहिए। इसमें मरीज की छाती पर 1 मिनट में 120 बार दोनों हथेलियों से तेजी से दबाव डाला जाता है। जब तक मेडिकल हेल्प नहीं मिल जाए सीपीआर जारी रखना चाहिए कार्डिएक अटैक में लापरवाही या देरी मरीज के लिए प्राण घातक साबित होती है। ऐसे में परिजनों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत होती है।
लक्षण
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण कुछ ऐसे होते हैं -सांस उखड़ना
मरीज की धड़कन और नब्ज बंद हो जाना
मरीज का अचानक बेहोश हो जाना
कारण
कार्डियक अरेस्ट के कई कारण हो सकते हैं - हार्ट अटैक, कमजोर कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ, हार्ट डिजीज या अनियमित हार्टबीट।हार्ट अटैक
जब किसी व्यक्ति के हार्ट तक ऑक्सिजन युक्त रक्त का प्रवाह नहीं पहुंच पाता तो उसे हार्ट अटैक हो जाता है। इस स्थिति में हार्ट रक्त की पंपिंग करता तो है पर उसकी कार्य क्षमता कम हो जाती है। हार्ट अटैक का मरीज कुछ मिनटों से लेकर कुछ घंटों तक इस स्थिति को झेल सकता है। फिर भी जितनी जल्दी संभव हो उसे मेडिकल असिस्टेंस की जरूरत होती है क्योंकि ऑक्सीजन युक्त रक्त के प्रवाह के अभाव में ब्रेन सहित अन्य अंग भी इससे क्षतिग्रस्त हो सकते हैं और इससे स्ट्रोक और यहां तक कि कार्डियक अरेस्ट भी हो सकता है।
गोल्डन ऑवर
मरीज में यह लक्षण नजर आएं तो लापरवाही ने बरते जल्दी से नजदीकी अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में ले जाएं हार्ट अटैक आने के 1 घंटे के भीतर चिकित्सा शुरू करवा देना बहुत फायदेमंद होता है।
लक्षण
छाती में बाईं और तेज दर्द होना, सिर भारी हो जाना, जी मिचलाना, बुरी तरह थकान महसूस होना, बेसुधी या नींद महसूस होना, पीठ पर बोझ भारीपन कसाव आदि महसूस होना, छाती सहित जबड़े पीठ और कंधे में दर्द महसूस होना, सांसे उखड़ना, कई बार बड़ा अटैक आने से कुछ घंटे या कुछ दिनों पहले तक ऐसे लक्षण नजर आ सकते हैं।इस प्रकार कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक में मामूली सा ही अंतर होता है और इसे समझ पाना हर किसी के बस की बात नहीं होती है। इस कारण संयम से काम लें और मरीज की देखभाल अच्छी तरह से करें।