अजोला - पशुओं के लिए वरदान

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आपने शायद ये नाम पहली बार सुना होगा और आप जानना चाह रहे होंगे मैं इसे पशुओं के लिए वरदान क्यूँ कह रहा हूँ।
लेकिन मैं आपको इसके बारे में आपको बताऊंगा तो आप भी इसके फायदों को सुनकर हैरान रह जाओगे। 
अजोला क्या हैं
अजोला एक जलीय पादप हैं जो कि जल में पनपता हैं तथा यह पशुओ तथा धान की फसल के लिए संजीवनी बूटी के समान कार्य करता हैं। अजोला के द्वारा हम अपने पशु की दूध उत्पादन क्षमता तथा फसल की पैदावार बढा सकते हैं। 

अजोला के गुण


  1. अजोला एक जलीय पादप हैं औऱ ये पानी की सतह पर तैरता रहता हैं। वैसे तो भारत में अजोला की अनेक किस्में पायी जाती हैं पर इन सब मे अजोला पिन्नाटा एक ऐसी किस्म हैं जो कि राजस्थान जैसे गर्म इलाको में भी हो सकती हैं। क्योंकि यह ज्यादा गर्मी सहन कर सकती हैं। 
  2. अजोला पानी मे काफी तेजी से बढ़ता हैं और पानी के ऊपर ही तैरता रहता हैं। 
  3. अजोला मे कैल्शियम, फास्फोरस, पोटैशियम, मैग्नीशियम और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं। 
  4. अजोला पशुओं के लिए एक तरह से सम्पूर्ण आहार माना जाता हैं। क्योंकि इससे पशुओ मे कई प्रोटीन की कमी पूरी होती हैं। 
  5. इससे पशुओं का विकास काफी तेजी से होता हैं।
  6. दुधारू पशुओं को प्रतिदिन अगर 1 से 2 kg तक अजोला खिलाया जाता हैं तो दूध में 20 प्रतिशत तक कि बढ़ोतरी देखी जा सकती हैं। 
  7. अगर पशु के लिए अजोला चाहिए तो हमें अजोला का उत्पादन स्वच्छ मिट्टी और पानी में करना चाहिए। क्योंकि अजोला में एक गुण होता हैं जिसका हमे फायदा भी हैं और नुकसान भी। अगर अजोला का उत्पादन हम कहीं भी गढ़ा खोदकर करते हैं तो अजोला नीचे से भरी धातुओं का अवशोषण कर लेता हैं। फिर वो अजोला हम पशुओ को खिलाएंगे तो हमें इतना फायदा नहीं मिलेगा। 
  8. अजोला पशुओ के लिए काफी सस्ता आहार हैं।
  9. अगर धान कि फसल में अजोला उपयोग करना है तो धान की रोपाई करने के बाद थोड़ा पानी रोक कर रखे तथा उसमें अजोला का छिड़काव कर दे और कुछ दिन निरन्तर पानी देते रहे। जिससे कि कुछ दिनों में ही अजोला से पूरी भूमि ढक जाएगी। अजोला से धान की फसल में पोटाश और यूरिया की काफी हद तक पूर्ति हो जाती हैं। जिससे कि हमारा काफी हद तक खर्चा बच जाता हैं। अतः स्पष्ट हैं कि हम अजोला का उपयोग यूरिया के विकल्प के रूप में भी कर सकते हैं।

अजोला को कैसे तैयार करें


हमने ऊपर अजोला से होने वाले अनेक फायदों को पढ़ा। अब हम जानते हैं कि अजोला को तैयार कैसे करें

1. सबसे पहले एक क्यारी तैयार करें। क्यारी की चौड़ाई 2 मीटर से ज्यादा ना हो और लंबाई ज्यादा से ज्यादा 10 मीटर के करीब हो।
2. फिर इस क्यारी में एक प्लास्टिक की शीट बिछा देवे ओर किनारों पर मिट्टी का लेपन कर दे ताकि प्लास्टिक की शीट हवा इत्यादि से उड़े नहीं।
3. किसान या पशुपालक प्लास्टिक शीट की जगह पक्की क्यारी का निर्माण भी कर सकता हैं।
4. फिर क्यारी में उपजाऊ मिट्टी 80-100 kg के करीब डालकर समान रूप से क्यारी में बिछा देवे।
5. अब क्यारी में इतना पानी देवे के पानी बिछाई हुई मिट्टी के ऊपर तैरने लगे।
6. फिर इसमें 10kg के करीब गोबर की खाद डाले और इसे मिट्टी के साथ अच्छी तरह पानी में घोल देवे। आवश्यकता अनुसार पानी और डाल सकते हैं।
7. अब इस पर अजोला का छिड़काव कर दे तथा और पानी डाल देवे।
8. अब इसे कुछ दिनों तक छोड़ देवे और अजोला को बढ़ने दे। इसे ऊपर से किसी जाली वगैरह से ढक देवे।
9. लंबे समय तक अजोला का उत्पादन लेने के लिए इसमें 50 ग्राम सुपर फॉस्फेट तथा 20-30kg गोबर की खाद प्रति महीने डालते रहे। इसमें जल का उचित स्तर बनाये रखें। अजोला को सीधी धूप से बचाये रखने का प्रयास करे।
इस प्रकार हम अजोला का उपयोग करके पशुपालन तथा खेत में अधिक से अधिक आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।


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