अधिक घी उत्पादन के लिए कौनसी भैंस पाले

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अक्सर हम इस बारे में सोचते होंगे के ऐसी कौनसी भैंस पाले जिसके दूध में वसा की मात्रा ज्यादा हो और उससे हम अधिक से अधिक घी बना सके या डेयरी पर भी देवे तो हमारा दूध की कीमत अधिक से अधिक लगे। तो चलिए आज आपको बताते हैं वो कौनसी भैंस हैं, उसकी नस्ल का क्या नाम है और वो कहाँ पर पायी जाती हैं।
वैसे तो भैंस की कुल 12 नस्ले होती हैं जिनमे से मुर्रा नस्ल काफी प्रसिद्ध हैं। इन 12 नस्लों मे से भदावरी भी भैंस की प्रमुख नस्ल होती हैं। इसके दूध  में वसा की मात्रा सबसे ज्यादा होती हैं।

इस नस्ल की भैंसे ज्यादातर उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के भदावर क्षेत्र में पायी जाती हैं। इस नस्ल की भैंस के दूध में पायी जाने वाली वसा या फैट की मात्रा लगभग 10 प्रतिशत पायी जाती हैं जो कि और नस्ल की भैंस के मुकाबले काफी ज्यादा है।

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भदावरी भैंस की पहचान

इसमें हम जानेंगे कि भदावरी भैंस की क्या पहचान होती हैं जिससे कि वो भैंस की और नस्लों से अलग करती हैं।
इस नस्ल की भैंसे दिखने में तो सामान्यता मध्यम आकार की होती हैं। इस नस्ल की भैंस के शरीर पर बालों की मात्रा कम होती हैं। जिससे कि यह बाकी नस्ल की भैंसों से काफी अलग हो जाती हैं। इसके सींगों का आकार तलवार के जैसा होता हैं। इस नस्ल की भैसों का औसत भर 400kg के लगभग ही होता हैं। जो कि बाकी नस्ल की भैंसों से काफी कम होता हैं।

इसका भार कम होने का बड़ा कारण ये हैं कि इस नस्ल की भैंसों की खुराक कम होती हैं। इस नस्ल की भैंसे का कम आकार तथा थोड़ी खुराक होने के कारण इस नस्ल की भैंसे किसानों तथा पशुपालकों की पहली पसंद हैं।
इस नस्ल की भैंसों से दूध का उत्पादन तो बाकी नस्लों की भैंस से कम होता हैं पर इसके दूध में वसा की मात्रा ज्यादा होने के कारण इसे पाला जाता हैं। जो किसान और पशुपालक इस नस्ल की भैंस पालते हैं वो बताते हैं के इस नस्ल की भैंस के 8 दिन के दूध से एक दिन की दूध के मात्रा के बराबर घी निकाला जा सकता हैं। जैसे कोई भैंस 5 kg दूध देती हो तो इसके 8 दिन की दूध की मात्रा से 5 kg घी आराम से निकाला जा सकता हैं। इस नस्ल की भैंसों मे अन्य नस्ल की भैंसों की तुलना में बच्चों की मृत्यु दर कम पायी जाती हैं। इस नस्ल की भैंसे कई बीमारियों के प्रति रोधी पायी जाती हैं। जिस कारण ये इतनी बीमार नही होती हैं।
भदावरी नस्ल की भैंस  औसतन 4-5kg दूध दे देती हैं पर अगर पशु की खुराक वगैरह बढ़ा दी जाए तो दूध 8-10 kg तक हो जाता हैं।

इस प्रकार हमने देखा के भदावरी नस्ल की भैंसे दूध व घी दोनों के उत्पादन की दृष्टि से अव्वल हैं। अतः किसानों और पशुपालकों को चाहिए के वे इस नस्क कि भैंसे पाले और अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करें। आजकल शहरों में लोगों को शुद्ध देसी घी मिलना काफी मुश्किल हो गया हैं। अतः हम इस नस्ल की भैंस के दूध से ज्यादा घी प्राप्त करके शहरों में आराम से बेच सकते हैं और अपना लाभ बढ़ा सकते हैं।

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